BOGAL | SRIJAN
Sunday 23 April 2017
Naam
नाम
अरमान थे अपने भी कि कुछ कर जायेंगे
ज्यादा नहीं तो थोड़ा ही सही
नाम अपना भी रोशन कर जायेंगे
दुनियादारी की धूप लगी तो पसीना आ गया
ज़िन्दगी जीने का सलीका आ गया
नाम रोशन करना तो बहुत दूर है मगर
नाम बचा कर रखने का तो तरीका आ गया
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