Sunday 7 January 2018

मेहनत_ईमानदारी_के_किस्से

मेहनत_ईमानदारी_के_किस्से

माना कर्म को ही धर्म कहते,
व मेहनत-ईमानदारी की बात करते,
बहुत से किस्से कहानियाँ,
बचपन से ही पढ़े होंगे हमने,
मगर दिनभर खून-पसीना बहाने के बाद,
आधे-पेट भोजन से गुज़ारा करते,
भूमिहीन किसान व मज़दूर की दशा देख,
सब किस्से-कहानियाँ हवा होते दीखते हैं।

वैसे कहने को तो बहुत सम्मान मिलता है,
बदन झुलसाती गर्मी व हड्डियाँ सुन्न करती सर्दी में भी,
हर प्रकार के अनाज, फल व सब्जियां उगाते,
हमारे देश के अन्नदाता किसान को,
मगर महीनों की हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी,
लगातार बढ़ते कर्ज़ के बोझ से त्रस्त हो उनको,
जब सल्फास चाटते या फाँसी पर झूलते देखते हैं,
परिश्रम के सब किस्से-कहानियाँ हवा होते दीखते हैं।

वैसे तो बड़ी-बड़ी गगनचुंबी ईमारतें,
सड़कें, पुल या कोई शॉपिंग मॉल,
जो बनते हैं मज़दूर की दिनरात की मेहनत से,
मगर उनकी ही मेहनत व कारीगरी से तैयार,
चमचमाते किसी शॉपिंग मॉल या भवन में,
उसी गरीब मज़दूर को जब घुसने नहीं दिया जाता,
तो मेहनत-ईमानदारी का महिमामंडन करते,
सब किस्से-कहानियाँ हवा होते दीखते हैं।

वैसे तो दुनिया के ऐशोआराम के लिए,
छोटी सी चीज़ से लेकर हवाई जहाज तक,
कारखानों में तैयार किया जाता है,
मज़दूरों के अथाह परिश्रम व कुशलता के द्वारा ही।
मगर जब दिन-रात के परिश्रम के पश्चात भी,
उन्हीं द्वारा निर्मित वस्तुओं का इस्तेमाल तो दूर, 
जब छूने तक कि हैसियत न हो तो,
मेहनत के सब किस्से-कहानियाँ हवा होते दीखते हैं।

#बोगल_सृजन

1 comment:

  1. Zindagi ki sacchai yahi hai....mahal banane waale mahlon mein nhn rehte...lekin har kisi kaa apna apna hissa aur kissa....so chill man....apne hisse kaa kaam karein hum sab aur rest upervwaale pe chorhte hain...

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