Sunday 20 May 2018

मायने

नयी खरीदने के पश्चात भी,
हमारी पुरानी वस्तुएं,
अक्सर पड़ी रहती हैं,
धूल से सनी, घर के कोनों में,
बिना किसी इस्तेमाल के,
बस बेकार जगह घेरती,
महीने दर महीने, साल दर साल।
बिना ये सोचे कि
पुराने जूते, चप्पल,
कपड़े जैसी ये तुच्छ वस्तुएं,
कम्पकम्पाती सर्दी में,
या झुलसाती गर्मी में,
चीथड़े पहनकर व नंगे पैर काम करते,
किसी गरीब के लिए,
क्या मायने रखती हैं।

©स्वर्ण दीप बोगल

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