Friday 20 April 2018

मेरा परिचय

एक छोटे से निम्नवर्गीय परिवार में मेरा जन्म १० मार्च १९८० में हुआ।  किसी तरह पिता जी ने अपनी ज़रूरतों को मार कर तीन बच्चों का पालन-पोषण व् पढ़ाई करवाई। पढ़ाई-लिखाई को हमेशा गंभीरता से लेता था मगर हाँ बहुत ज्यादा समझ नहीं आयी व् किसी साधारण विद्यार्थी की तरह स्नातक की परीक्षा २००३ में उत्तीर्ण की।  २०१० से जम्मू विश्वविद्यालय में एक क्लर्क के तौर पर काम कर रहा हूँ। 
जब मैं छठी कक्षा में पढता था तब मैंने पहली बार एक-दो कवितायेँ लिखी थी जिनमे से एक डोगरी में तथा एक हिंदी में थी पर उसके बाद मैंने कभी कुछ नहीं लिखा। साहित्य में मेरी रूचि प्रेमचंद, ओम प्रकाश वाल्मीकि व पाश जैसे कुछ लेखकों  को पढ़ने के बाद हुई।  अंग्रेज़ी में मास्टर्स डिग्री करने के पश्चात पहले मैंने अंग्रेजी में लिखना शुरू किया और कुछ लघु कथाएं लिखी मगर अंग्रेजी शब्दावली में मेरी कमजोर पकड़ के चलते मैंने २०१७ से हिंदी में लिखना शुरू किया।
अभी तो लिखने की मेरी शुरुआत है और मुझे लिखने के साथ पढ़ने की बहुत आवश्यकता है ताकि शब्दों से खेलने की कला कुछ सीख पाऊं पर कम समय के चलते अभी तक ऐसा हो नहीं पा रहा है। 

स्वर्ण दीप बोगल 

No comments:

Post a Comment