Thursday 28 September 2017

मानसिक रोग: दशा व दिशा

मानसिक रोग: दशा व दिशा

हमारे किसी अन्य अंग की तरह,
दिमाग भी शरीर का अभिन्न हिस्सा है,
ये तो हम सभी जानते हैं,
पर ये बात क्या हम सच में मानते हैं??

रोग हो जाए किसी भी अंग में अगर,
तो चिकित्सक के पास हम दौड़े जाते हैं,
पर दिमाग की समस्या होने पर,
फिर क्यों सबसे छिपाते हैं??

मनोरोग भी तो रोग ही है आखिर,
फिर क्यों लोग इसमे झाड़-फूंक तो करवाते हैं,
पर इसे कोई समाजिक बुराई मानकर,
किसी मनोचिकित्सक के पास नही जाते हैं।

रवैया समाज का भी दिमागी बीमारी के प्रति,
बहुत उदासीन ही नज़र आता है,
क्योंकि दिक्कत कुछ भी हो दिमाग में अगर,
लोग ऐसे व्यक्ति को पागल ही बताते हैं।

दिमागी दिक़्क़तों के प्रति उदासीनता के चलते,
मनोचिकित्सक भी काम में रुचि कहाँ दिखाते हैं,
किसी तरह जो रोगी पहुंचते भी हैं उनको भी वे,
परामर्श कम और दवाईयां अधिक चिपकाते हैं।

बेरोजगारी, बंटते परिवार व अन्य परेशानियाँ
सभी में मानसिक तनाव तो बढ़ा रहे हैं,
फिर भी क्या हम इसे एक रोग या समस्या मानकर,
सही तरह से उपचार करवा रहे हैं??

- बोगल सृजन

2 comments:

  1. Very rightly quoted....mental health is of utmost important. A person who is mentally strong is able to face the hardships of life. Bful composition

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