बचपन
चित चंचल और अठखेलियां
जब करने को होता था मन,
जब माँ-पापा की डाँट पर भी,
उपद्रव मचता था हर दम,
जब मासूमियत ही हावी थी
अपनी हर शरारत पर हर क्षण,
जब कुछ पैसे की कुल्फी भी
हमें कितनी खुशी दिलाती थी,
जब जमकर आपस में लड़ते थे,
फिर भी न था कोई बैर भरम,
बड़ा याद आता है मुझको अब,
बीत गया प्यारा बचपन।।
#बोगल_सृजन
चित चंचल और अठखेलियां
जब करने को होता था मन,
जब माँ-पापा की डाँट पर भी,
उपद्रव मचता था हर दम,
जब मासूमियत ही हावी थी
अपनी हर शरारत पर हर क्षण,
जब कुछ पैसे की कुल्फी भी
हमें कितनी खुशी दिलाती थी,
जब जमकर आपस में लड़ते थे,
फिर भी न था कोई बैर भरम,
बड़ा याद आता है मुझको अब,
बीत गया प्यारा बचपन।।
#बोगल_सृजन
Really miss those childhood days...bachpan jaisee koi cheez nhn...
ReplyDeleteReally those were very good and memorable days.
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