हमको जब लूट लिया
प्यार भरे दो मीठे बोलों ने ही।
हमारी पीठ में फिर
खंजर क्यों उतार दिया ?
जब हम तैयार थे
कि तुझपर जान वार दें।
तुम क्यों सोच लिया कि
मैंने पुराना कर्ज़ उतार लिया।
प्यार भरे दो मीठे बोलों ने ही।
हमारी पीठ में फिर
खंजर क्यों उतार दिया ?
जब हम तैयार थे
कि तुझपर जान वार दें।
तुम क्यों सोच लिया कि
मैंने पुराना कर्ज़ उतार लिया।
No comments:
Post a Comment