Sunday 15 July 2018

एक सवाल

एक सवाल है,
आज स्वयं से ही,
कि हम क्या किये जा रहे हैं?
रोज़मर्रा के जीवन की
छोटी-छोटी खुशियां छोड़कर,
बस दिन-रात पैसे के पीछे,
हम क्यों जिये जा रहे हैं?

एक सवाल है,
आज स्वयं से ही,
कि हम क्या किये जा रहे हैं?
छोटी-छोटी ज़रूरतों के बड़ा बनाकर,
घर-परिवार, मित्रों-रिश्तेदारों से दूर,
जाने कौन सी खुशियों की तलाश में,
क्यों दिन रात पिसे जा रहे हैं?

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