मुझे क्या पता था
कि बेपनाह उम्मीदों से भरा,
छोटी सी पगडंडी से शुरू,
ज़िन्दगी का सफर,
ताउम्र मेहनत के बाद भी,
नाउम्मीदी के सिवा कुछ नहीं देगा।
मुझे क्या पता था
कि हिम्मत व मेहनत के दम पर,
किस्मत बदल डालने का सफर,
जो शुरू किया था हमने,
भ्र्ष्टाचार के इस दौर में,
जाने किस मोड़पर जाकर स्थिर हो गया।।
कि बेपनाह उम्मीदों से भरा,
छोटी सी पगडंडी से शुरू,
ज़िन्दगी का सफर,
ताउम्र मेहनत के बाद भी,
नाउम्मीदी के सिवा कुछ नहीं देगा।
मुझे क्या पता था
कि हिम्मत व मेहनत के दम पर,
किस्मत बदल डालने का सफर,
जो शुरू किया था हमने,
भ्र्ष्टाचार के इस दौर में,
जाने किस मोड़पर जाकर स्थिर हो गया।।
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