कविता - भूल जाना
माना बातें भूल जाना
समस्या है मेरी,
फिर भी इसके साथ ही
जीना सीख लिया है मैंने
माना कार्यक्षेत्र में
माना बातें भूल जाना
समस्या है मेरी,
फिर भी इसके साथ ही
जीना सीख लिया है मैंने
माना कार्यक्षेत्र में
परेशान करती है यह समस्या
फिर भी इसके साथ ही
जीना सीख लिया है मैंने
माना घरेलु जीवन में
जीना सीख लिया है मैंने
माना घरेलु जीवन में
और रिश्ते निभाने में भी
परेशान करती है यह समस्या
फिर भी इसके साथ ही
जीना सीख लिया है मैंने
मगर कभी मेरी ये समस्या
मुझे वरदान लगती है
जब जब मैं भूल जाता हूँ नफ़रतें
और किसी से ख़फ़ा होने की वजह
मेरी समस्या मुझे वरदान लगती है
जब जब मैं भूल जाता हूँ कि
मेरे साथ किसने बुरा किया था
और मैं किससे नाराज़ था।
- स्वर्ण दीप बोगल
जीना सीख लिया है मैंने
मगर कभी मेरी ये समस्या
मुझे वरदान लगती है
जब जब मैं भूल जाता हूँ नफ़रतें
और किसी से ख़फ़ा होने की वजह
मेरी समस्या मुझे वरदान लगती है
जब जब मैं भूल जाता हूँ कि
मेरे साथ किसने बुरा किया था
और मैं किससे नाराज़ था।
- स्वर्ण दीप बोगल
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