कविता - वक़्त नहीं है
बड़ा व्यस्त हूँ मैं अपनी रोज़ मर्रा की भाग-दौड़ में,
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
कुछ कार्यक्षेत्र की मसरूफियतें हैं
तो कुछ परेशानियां घरेलु भी हैं
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
अपनी निजी व्यस्तताओं को छोड़
कुछ जिम्मेदारियाँ सामाजिक भी हैं
क्योंकि माहौल भी कुछ अराजक सा है
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
गर बाँटूंगा नफ़रतें
तो न मिलेंगे बदले में प्यार के फूल
नफरत का मैल अपने दिल में रखने की
क्यों करूँ मैं भूल
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
- स्वर्ण दीप बोगल
बड़ा व्यस्त हूँ मैं अपनी रोज़ मर्रा की भाग-दौड़ में,
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
कुछ कार्यक्षेत्र की मसरूफियतें हैं
तो कुछ परेशानियां घरेलु भी हैं
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
अपनी निजी व्यस्तताओं को छोड़
कुछ जिम्मेदारियाँ सामाजिक भी हैं
क्योंकि माहौल भी कुछ अराजक सा है
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
गर बाँटूंगा नफ़रतें
तो न मिलेंगे बदले में प्यार के फूल
नफरत का मैल अपने दिल में रखने की
क्यों करूँ मैं भूल
इसलिए माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,
नफ़रतें पालने का मेरे पास वक़्त नहीं है
- स्वर्ण दीप बोगल
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