Sunday 13 August 2017

कविता - सच्ची देशभक्ति

कविता - सच्ची देशभक्ति

सिनेमा घरों में होकर सावधान
राष्ट्रगान का हो रहा सम्मान,
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी
लगाकर तिरंगे प्रोफ़ाइल पर,
देते देशभक्ति की पहचान,

जातिवाद, भ्रष्टाचार आदि कुरीतियों को,
देश से मिटाने का संकल्प लेकर भी,
दिया जाता देशभक्ति का प्रमाण,
या वंदे मातरम बोलकर ही,
देशभक्त कहलाना है सबसे आसान।

मगर सिर्फ दिखावे भर से,
क्या हो पायेगा अपना देश महान?
जब चढ़ा है इनकी आंखों पर,
झूठ, भ्रष्टाचार व जातिवाद का,
पर्दा इक अनजान।

राष्ट्रप्रेम एक मधुर अहसास है 
राष्ट्र के प्रति, राष्ट्रवासियों के प्रति, 
व राष्ट्र के कण-कण के प्रति
ये एक खूबसूरत जज़्बा है
राष्ट्र के लिए जान तक कुरबान करने का

तो गर देना है अपनी देशभक्ति का प्रमाण,
अपने ही देशवासियों से,
करना होगा प्रेम, मिटाकर नफरतों के निशान,
मेहनत, ईमानदारी से काम करें
ताकि राष्ट्र निर्माण में हो सके अपना योगदान।।

- स्वर्ण दीप बोगल



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