कविताओं के लाभ
मेरे किसी प्रियजन ने एक दिन
बड़ी आत्मीयता दर्शाते हुए पूछा मुझसे,
ये जो आये दिन कविताएं लिखा करते हो
इससे तुम्हें क्या कुछ मिलता है?
तो मैंने बड़े प्रेमभाव से उत्तर दिया कि
हाँ समाजिक विषयों पर कविता लिखने से
मेरे दिल को बहुत शांति व सुकून मिलता है।
मेरे उत्तर से असंतुष्ट मेरे प्रियजन फिर बोले,
वो सब तो ठीक है चलो मान लेते हैं,
मगर इन कविताओं पे दिये गए समय के बदले
क्या धन तुम्हे कुछ मिल पाता है?
मैंने कहा कि धन के लिए और बहुत कुछ है,
मगर रोज़मर्रा की ज़िंदगी का दबाब
मेरे मन मस्तिष्क से तो कुछ कम हो पाता है।
मैं मानता हूँ कि सोच मेरे प्रियजन की
मेरे प्रति इस दौर में बुरी तो नहीं है,
मगर सबकुछ आज भी पैसा तो नहीं है।
क्योंकि लूट-खसूट व लालच के इस दौर में
आंशिक रूप में ही सही, मेरी कविताएं अगर,
प्रभावित कर पाऐं कुछ लोगों को ही सही,
तो इसमे किसी का बुरा तो नहीं है।
-स्वर्ण दीप बोगल
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